डॉ. अनुप अन्वीकर

डॉ. अनुप अन्वीकर, गवर्नमैंट मेडिकल कॉलेज, औरंगाबाद, महाराष्ट्र से सूक्ष्म जीव-विज्ञान में एमडी डिग्री प्राप्त हैं। डॉ. हेडगेवार रुग्णालय, औरंगाबाद में अल्प कार्यकाल के पश्चात्, आप 3 वर्ष तक एक चिकित्सा शिक्षक रहे। आपने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में कार्यभार ग्रहण किया और 5 वर्ष तक आईसीएमआर-राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, जबलपुर और फिर 14 वर्ष तक आईसीएमआर-राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में कार्य किया।

 

आप दो वर्ष तक राष्ट्रीय जैविक संस्थान (एनआईबी) के निदेशक भी रहे। वर्तमान में आप निदेशक, एनआईएमआर का दायित्व निभाने के साथ ही निदेशक, राष्ट्रीय जैविक संस्थान (एनआईबी) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। डॉ. अन्वीकर के अनुसंधान का केन्द्र मलेरिया, चिकनगुनिया एवं डेंगु के विकास एवं निदान की गुणवत्ता आश्वासन सहित संक्रामक रोगों के निदान एवं उपचार में सुधार लाना रहा है। आपने भारत में मलेरिया शीघ्र नैदानिक जांच (आरडीटी) हेतु गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम को कार्यान्वित किया। आपने मलेरिया नियंत्रण पर मलेरिया-रोधी और कई परिचालन अनुसंधान अध्ययनों के नैदानिक परीक्षण आरंभ किए। आप भारत में राष्ट्रव्यापी मलेरिया-रोधी औषध प्रतिरोधकता की निगरानी एवं अनुवीक्षण में गहराई से जुड़े रहे हैं और आपने मलेरिया-रोधी औषधियों के राष्ट्रीय औषध सतर्कता (फार्माकोविजिलैंस) अध्ययन का रुपांकन करने के साथ इसका नेतृत्व किया है।

 

डॉ. अनुप अन्वीकर ने आईसीएमआर-एनआईएमआर में एकमात्र दक्षिण-पूर्व एशियाई विश्व स्वास्थ्य संगठन मान्यता प्राप्त मलेरिया आरडीटी लॉट परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की, जो विश्व स्तर पर इस प्रकार की तीन सुविधाओं में से एक है। आपको विभिन्न एजेंसियों के लिए दवा, टीके और निदान के निरीक्षक एवं डोसीए(Dossier) आकलन-कर्ता का व्यापक अनुभव है।

 

एनआईबी में रहते हुए, आपने पीएचडी कार्यक्रम और संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आरंभ करने के साथ  शैक्षणिक, अनुसंधानिक और प्रशिक्षण गतिविधियों को मजबूत करने, उनकी गुणवत्ता के लिए परीक्षित जीवन रक्षक जैविकों के पोर्टफोलियो का विस्तार करने की दिशा में काम किया। इसके साथ ही आपने गुणवत्ता जैविक उत्पादों की समय पर उपलब्धता को बढ़ावा देते हुए प्रक्रिया समय एवं परीक्षण शुल्क को कम करके कार्य को सहज सरल तरीके से किए जाने की दिशा में भी काम किया। आपके कार्यकाल में, एनआईबी को गुणवत्ता सेवाओं के लिए जॉच के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों हेतु भारत गुणवत्ता परिषद द्वारा संस्थापित प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रथम प्रोफेसर एस.के. जोशी प्रयोगशाला उत्कृष्टता गोल्ड अवार्ड प्राप्त हुआ।

 

डॉ. अन्वीकर ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्नातकोत्तर छात्रों, पीएच.डी. छात्रों और पोस्ट-डॉक्टोरल फैलों का मार्ग दर्शन किया है और समकक्ष-समीक्षित पत्रिकाओं में 160 पेपर प्रकाशित किए हैं। आपने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्त सहायता से कई शोध परियोजनाओं को भी प्रबंधित किया है। आपके नाम 10 पेटेंट हैं। आपको दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया हैं।