सूचना अधिकार अधिनियम 2005

(सूचना अधिकार अधिनियम---- 2005 के अनुच्छेद 4(1) (ख) के अंतर्गत प्रदत्त सूचना)

1. संगठन के प्रकार्य, कार्य का विवरण

राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान(एनआईएमआर) की स्थापना सन् 1977 में 'मलेरिया अनुसंधान केन्द्र’ के रूप में हुई थी, जिसका नामकरण 'राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान' के रूप में नवम्बर 2005 को हुआ। रा.म.अ.सं., भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था) के संस्थानों में से एक है। इस संस्था का प्रारंभिक उद्देश्य मौलिक, अनुप्रयुक्त, प्रचालनात्मक क्षेत्रीय अनुसंधान द्वारा मलेरिया के अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक उपायों का पता लगाना है| यह संस्थान, प्रशिक्षण/कार्यशाला और प्रौद्योगिकी के हस्तान्तरण द्वारा जन-शक्ति संसाधन विकास में भी अहम भूमिका निभाता है।

वर्षों से किए जा रहे अनुसंधान के मुख्य क्षेत्र मच्छर फोना सर्वेक्षण, महत्वपूर्ण मलेरिया रोगवाहकों एवं परजीवियों के लिए आनुवांशिक एवं आणविक चिन्हकों का विकास, प्रजातीय समूहों के रूप में मुख्य रोगवाहकों की पहचान करते हुए कोशिका वर्गीकीय अध्ययन और प्रयोगशाला एवं सहोदर प्रजातियों के बीच जैविक वैभिन्यताओं का परीक्षण करने हेतु क्षेत्रीय अध्ययन, सहोदर प्रजातियों के लिए आणविक पहचान तकनीक का विकास, स्थान एवं समय के माध्यम से कीटनाशक प्रतिरोधकता की निगरानी, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, कार्यकारी योजनाओं की तैयारी आदि द्वारा मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है| नए कीटनाशकों का क्षेत्रीय मूल्यांकन, जैव डिंभक नाशकों, कीटनाशक संसिक्त मच्छरदानियां, दवाइयों एवं परजीवी नैदानिक किट मलेरिया नियंत्रण के नए शस्त्र प्रदान करते हैं| इनमें से अनेकों को राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में भी स्थान मिला है|

राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान का मलेरिया जनित क्षेत्रों में 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के साथ ही दिल्ली में सुविकसित प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है जो नई प्रौद्योगिकी के लिए परीक्षण आधार के रूप में कार्य करता है एवं प्रौद्योगिकी स्थानांतरण में सहायता प्रदान करता है मलेरिया के सभी पहलुओं पर अनुसंधान कार्य में लगा हुआ है |

आईसीएमआर - राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर - एनआईएमआर)

2. अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कर्तव्य एवं शक्तियां;

संस्थान के निदेशक की वित्तीय शक्तियां

अधिकारियों/कर्मचारियों के कर्तव्य |

  • वैज्ञानिकों के मूल कर्तव्यों में मलेरिया नियंत्रण हेतु बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान करना एवं संस्थान के निदेशक की सहायता करना शामिल है।
  • प्रशासनिक अधिकारी का कर्तव्य संस्थान के निदेशक की प्रशासनिक कार्यों में मदद करना है।
  • लेखा अधिकारी का कर्तव्य निदेशक की संस्थान के वित्तीय मामलों में मदद करना है।

3. निर्णय लेने की प्रक्रिया जिसमें पर्यवेक्षण व उत्तरदायित्व का क्रम भी शामिल है, को अपनाए जाने की कार्यविधिः

विज्ञानीय निर्णय वैज्ञानिकों, अनुसंधान सलाहकार समिति/विज्ञानीय सलाहकार समिति/विज्ञानीय सलाहकार समूह और शासीनिकाय द्वारा लिए जाते हैं| प्रशासनिक निर्णय प्रशासनिक अधिकारी /लेखा अधिकारी, भंडार अनुभाग तथा भिन्न संस्थागत समितियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर पर्यवेक्षण व्यवस्था के आधार पर लिए जाते हैं| विशेष मामलों पर निर्णय लेने हेतु तदर्थ समितियां भी गठित की गर्इ हैं।


4. अपने कार्यों के निर्वहन के लिए निर्धारित मानदण्ड;

क्रमांक 2 व 3 के समान


5. कर्मचारियों द्वारा प्रयुक्त या नियंत्रणाधीन नियम, विनिमय, अनुदेश, अभिलेख एवं नियम पुस्तिका

आर्इ.सी.एम.आर./भारत सरकार के नियमानुसार


6. दस्तावेजों की विभिन्न श्रेणियों का विवरण जो रुके हुए हैं या निंयत्रणाधीन हैं,

भिन्न-भिन्न समितियों, लेखा, भंडार एवं विज्ञानिय प्रौजेक्टों से संबंधित फाइलें उपलब्ध हैं। प्रगति रिपोर्ट, वार्षिक रिपोर्ट, नियम पुस्तिका आदि में से कुछ वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।


7. किसी भी ऐसी व्यवस्था का विवरण जिसके अंतर्गत किसी नीति निर्माण या कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों, या प्रतिनिधित्व/अभ्यावेदन या परामर्श शामिल हैं ;

एनआईएमआर/आईसीएमआर आदि में विभिन्न समितियों/चयन समितियों के सदस्यों के साथ विचार विमर्श के अलावा ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।


बोर्डों, परिषदों, समितियों और दो या दो से अधिक व्यक्तियों से गठित अन्य निकायों का विवरण जो इसके भाग के रूप में या अपनी सलाह देने के प्रयोजन के लिए या यह देखने के लिए बनाए गए हैं कि उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली हैं या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त जनता की पहुंच तक हैं।


9. वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों की निदेशिका


10. प्रतिपूर्ति की व्यवस्था सहित प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को प्राप्त मासिक पारिश्रमिक;


11. सभी योजनाओं का विवरण, प्रस्तावित व्यय और किए गए संवितरण की रिपोर्टों को दर्शाने वाला नियतित बजट


12. नियतित राशि सहित सब्सिडी कार्यक्रमों के निष्पादन का तरीका और ऐसे कार्यक्रमों के लाभार्थियों के विवरण

ऐसा कोर्इ भी कार्यक्रम नहीं है|


13. रियायतें , परमिट और प्राधिकार प्राप्त करने वालों का ब्यौरा

शून्य


14. इलैक्ट्रोनिक रुप में कम की गई या उपलब्ध या रोकी गई सूचना के संबंध में विवरण ;


15. पुस्तकालय या पाठन पक्ष के कार्य घंटे, यदि वे सार्वजनिक उपयोग हेतु है, के साथ ही नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करने का विवरण

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद/भारत सरकार के नियमानुसार, कार्यालय सप्ताह के पांच दिन खुला रहता है, व कार्यालय समय प्रात: 9 बजे से अपरान्ह 5.30 है|


16. जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम व अन्य विवरण

केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी (सी.पी.आर्इ.ओ.):

श्री पवन कुमार, प्रधान तकनीकी अधिकारी, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, आईसीएमआर सैक्टर-8, द्वारका, दिल्ली-110077

उनकी अनुपस्थिति में :-डॉ. वंदना शर्मा, सहायक निदेशक (रा.भा.), कमरा नं.-149, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, (आईसीएमआर) सैक्टर—8, द्वारका, दिल्ली-110077, (दूरभाष-25307149, ईमेल-vandananimr@gmail.com )

जन शिकायत अधिकारी (09.11.2020 से)

डॉ. ज्योति दास, वैज्ञानिक- ई, कमरा नं. – 203, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, (आईसीएमआर) सैक्टर—8, द्वारका, दिल्ली-110077, (दूरभाष-011-25307203, र्इमेल-drjyoti203@gmail.com )

अपीलीय प्राधिकारी:

डॉ. ज्योति दास, वैज्ञानिक- ई, कमरा नं. – 203, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, (आईसीएमआर) सैक्टर—8, द्वारका, दिल्ली-110077, (दूरभाष-011-25307203, र्इमेल-drjyoti203@gmail.com )

सतर्कता अधिकारी:

डॉ. रजनी कांत दीक्षित, वैज्ञानिक ‘डी’, कमरा नं.-217, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, (आईसीएमआर) सैक्टर—8, द्वारका, दिल्ली-110077, (दूरभाष-25307217, र्इमेल-dixitrk@mrcindia.org )

पारदर्शिता अधिकारी:

डॉ. अनुप अन्विकर, वैज्ञानिक ‘एफ’, कमरा नं.-122, राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, (आईसीएमआर) द्वारका, दिल्ली-110077, (दूरभाष-25307122, र्इमेल-anvikar@gmail.com)


17.महत्वपूर्ण लिंक्स


18. अन्य सूचनाएं :-