आईसीएमआर-एनआईएमआर क्षेत्रीय इकाईः रायपुर, छत्तीसगढ़
आईसीएमआर-एनआईएमआर क्षेत्रीय इकाई (क्षे.ई.) रायपुर भारत के सर्वाधिक मलेरिया स्थानिक राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ में स्थापित है। क्षेत्रीय इकाई का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. के बांधी द्वारा महानिदेशक आईसीएमआर प्रो. एन के गांगुली, एनआईएमआर निदेशक प्रोफेसर ए. पी. दाश, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ सरकार एवं अन्य महानुभावों की उपस्थिति में दिनांक 2.04.2006 को किया गया था। आरंभ से ही क्षेत्रीय इकाई में छत्तीसगढ़ में मलेरिया नियंत्रण के लिए विभिन्न अनुसंधान एवं विज्ञानीय गतिविधियों को शामिल किया गया है।
आईसीएमआर-एनआईएमआर ने छत्तीसगढ़ में मलेरिया रोगवाहक जीव पारिस्थितिकीय जानपादिक रोग विज्ञानीय अध्ययन किए है। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम इस क्षेत्र में मलेरिया का मुख्य परजीवी हैं। एनाक्युलिसिफेसिस छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्र में मलेरिया संचारण का मुख्य रोगवाहक है। आईसीएमआर-एनआईएमआर ने छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में कीटनाशक प्रतिरोधकता अध्ययन किए है। क्षेत्रीय इकाई छत्तीसगढ़ में दीर्घकालीन कीटनाशक मच्छरदानियों का क्षेत्रीय मूल्यांकन, मलेरिया रोधकों की चिकित्सीय प्रभावकता का भी निष्पादन किया है। क्षेत्रीय इकाई ने छत्तीसगढ़ में मलेरिया नैदानिक पद्धति का मूल्यांकन, लूप-मेडिएटेड, आइसोथर्मल एमफ्लीकेशन (एलएमपी) और शीघ्र नैदानिक जाँच (आरडीटी) का भी मूल्यांकन किया है।
क्षेत्रीय इकाई एनवीबीडीसीपी छत्तीसगढ़ के साथ गहन रूप से जुड़कर कार्य करती है। क्षेत्रीय इकाई की सभी अनुसंधान गतिविधियाँ आवश्यक विज्ञानीय कार्य प्रदान करने के लिए स्थानीय, स्वास्थ्य प्राधिकरण की मध्यस्थता कार्यों को मजबूत करती है। क्षेत्रीय इकाई विभिन्न पहलुओं पर कार्यक्रम के लिए तकनीकी समर्थन भी प्रदान करती है। क्षेत्रीय इकाई प्रयोगशाला तकनीशियनों और राज्य स्वास्थ्य विभाग के जिला वीबीडी परामर्शकों को प्रशिक्षण भी प्रदान करती है। क्षेत्रीय इकाई विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों को कार्योन्मुख प्रशिक्षण भी प्रदान करती है। क्षेत्रीय इकाई आवश्यकतानुसार राज्य में मलेरिया के प्रकोप का अन्वेषण और स्थितिजन्य विश्लेषण भी करती है। अनुसंधान गतिविधियाँ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय, छत्तीसगढ़ सरकार, भारत के साथ समन्वय एवं गहन सहकारिता के साथ निष्पादित की जाती है।
अनुसंधान कर्मचारी/अधिकारी
- 1. आर. रांझा, वैज्ञानिक- बी एवं प्रभारी अधिकारी
- 2. नीरज त्रिवेदी, तकनीशियन
चालू अनुसंधान परियोजनाएँ
- A longitudinal study on the fabric integrity, survivorship and compliance (use rate) of field distributed long-lasting insecticidal nets for malaria control in Chhattisgarh state
- Assessment of Knowledge, Attitude and Practice of Mitanin’s with respect to Malaria control in Chhattisgarh.
- Monitoring the Efficacy of ACT for the treatment of uncomplicated Plasmodium falciparum malaria in India.
हाल ही के अनुसंधान प्रकाशन (पिछले 5 वर्ष )
- Ranjha R. A Knowledge, Attitude and Practices Survey and Entomological Situation Analysis in Malaria Endemic Tribal Villages of Surajpur District, Chhattisgarh, India. Journal of Communicable Diseases. Volume 51, Issue 1 – 2019, Pg. No. 1-5
- Ranjha, R., Dutta, G.D.P. & Gitte, S.V. School-age Children as Asymptomatic Malaria Reservoir in Tribal Villages of Bastar Region, Chhattisgarh. Indian Pediatr (2019) 56: 873. https://doi.org/10.1007/s13312-019-1615-2
- Chourasia MK, Rahavendra K, Bhatt RM, Swain DK, Valecha N and Kleinschmidt I. Burden of asymptomatic malaria among a tribal population in forested village of Central India: a hidden challenge for malaria control in India. Public Health 147 (2017) 92-97.
- Chourasia MK, Rahavendra K, Kleinschmidt I, Bhatt RM Swain DK, Knox TB et al. Impact of long-lasting insecticidal nets on prevalence of subclinical malaria in children in the presence of pyrethroid resistance in Anopheles culicifacies in Central India. International J. Infectious diseases. 57 (2017) 123-129.
- Chourasia MK, Raghavendra K, Bhatt RM, Swain DK, Dutta GDP, and Kleinschmidt I. Involvement of Mitanins (Female Health Volunteers) in active malaria surveillance, determinants and challenges in tribal populated malaria endemic villages of Chhattisgarh, India. BMC Public Health (2017). 18:9
- Chourasia MK, Raghavendra K , Bhatt RM, Swain DK, Meshram HM, Jayant K et al. Additional burden of asymptomatic and sub patent malaria infections during low transmission season in forested tribal villages in Chhattisgarh, India. Malar.J. (2017). 16:320
- Raghavendra K, Chourasia MK, , Bhatt RM, Swain DK, Sreehari U, Dutta GDP et al Monitoring of Long-lasting insecticidal nets (LLINs) coverage vs. utilization and its determinants for use: a community-based survey in malaria endemic villages of Central India. Malaria Journal (2017).16:467
- Kleinschmidt I, Mnzava AP, Kafy HT, Mbogo C, Bashir AI, Bigoga J et al Design of a study to determine the impact of insecticide resistance on malaria vector control: a multi country investigation. Malaria Journal 2015, 14:282 DOI 10.1186/s12936-015-0782-4
- Dykes CL, Kushwah RS, Das MK, Sharma SN, Bhatt RM, Veer V et al Knockdown resistance (kdr) mutations in Indian Anopheles culicifacies populations. Parasites & Vectors 2015, 8:333.
संपर्क विवरण
आईसीएमआर-राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय इकाई
आरएलटीआरआई कैम्पस, लालपुर
रायपुर-492015, छत्तीसगढ़, भारत
दूरभाष: +91-771-2411281
ईमेल: dr.ranjha01[at]gmail.com