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Scrolling Announcement 1st Announcement: 15th Annual Conference of ISMOCD is being organized by ICMR-NIMR at Delhi from 31st January to 2nd February 2025. Please Save the dates. Further details will be uploaded soon.

राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर)

राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर) की स्थापना मलेरिया अनुसंधान केन्द्र के रुप में 1977 में हुई, जिसका नाम परिवर्तित होकर नवम्बर 2005 से राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान हो गया। एनआईएमआरभारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत निकाय) के संस्थानों में से एक है।

संस्थान का मुख्य लक्ष्य मौलिक, व्यावहारिक एवं परिचालनात्मक क्षेत्रीय अनुसंधान के माध्यम से मलेरिया की समस्याओं के लिए अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक समाधानों का पता लगाना है। संस्थान प्रशिक्षण/ कार्यशालाओं और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के माध्यम से मानव शक्ति संसाधन के विकास में भी मुख्य भूमिका अदा करता है। वर्षों से किए जा रहे अनुसंधान के मुख्य क्षेत्र मच्छर फोना सर्वेक्षण, महत्वपूर्ण मलेरिया रोगवाहकों और परजीवियों के लिए आनुवांशिक एवं आणविक चिन्ह्कों का विकास, सहोदर प्रजातियों के बीच जैविक वैभिन्यताओं के परीक्षण के लिए क्षेत्रीय अध्ययन, प्रजातीय जटिलताओं के रुप में मुख्य रोगवाहकों का पता लगाते हुए कोशिकावर्गिकी अध्ययन, स्थान एवं समय के माध्यम से कीटनाशक प्रतिरोधकता की निगरानी, कार्य योजनाओं की तैयारी आदि महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करना है। मलेरिया नियंत्रण के नवीन प्रबंधन हेतु नए कीटनाशकों का क्षेत्रीय मूल्यांकन, जैवडिंभकनाशकों, कीटनाशक संसिक्त मच्छरदानियां, औषधियां और परजीवी नैदानिक किट प्रदान किए गए। इनमें से अनेकों को राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में स्थान मिल चुका है।

> AcSIR PhD Admissions: Last date to apply in January 2025 session has been extended to October 15, 2024

> Regarding compassionate appointment at ICMR-NIMR

> डॉ अनूप अन्विकर ने आईसीएमआर-एनआईएमआर के निदेशक का पदभार संभाला